Thursday, May 16th, 2024

अपनी प्यास बुझाने घर से पानी लेकर आ रहे बीयू अफसर और कर्मचारी

कर्मचारी ला रहे थे घर से बॉटल, वीसी को पानी नहीं मिला तब शुरू हुई सप्लाई

 

-बीयू : सवा लाख भुगतान नहीं होने से नहीं आ रही थी पानी की बॉटलें

 

 

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) में पिछले लगभग एक माह से कर्मचारी और टीचर घर से बॉटल लाकर पानी पी रहे थे। शुक्रवार को जब कुलपति प्रो. आरजे राव के कक्ष की आरओ वाटर की बॉटल बंद हो गई, तब कहीं आनन-फानन में कार्रवाई हुई। कुलपति राव ने तत्काल एक लाख 30 हजार का भुगतान कर पानी की सप्लाई शुरू करवाई। पानी के भुगतान की फाइल पहले ही कुलपति राव के पास पहुंचाकर बीयू के इंजीनियर मनोज वाजपेयी व अखिलेश भारद्वाज पानी की समस्या का तोड़ निकालने में जुटे थे, लेकिन वे समस्या का समाधान नही खोज सके। 

 

बीयू के सभी विभागों में पिछले लगभग एक माह से पानी की कमी बनी हुई थी। दरअसल, पानी सप्लायर ने भुगतान नहीं होने के कारण पानी देने से इंकार कर दिया था। उसका तीन माह का बिल बकाया था। वह हर दूसरे और तीसरे दिन बीयू के विभागों में बीस-बीस लीटर के कंडेनर रखकर पानी की पूर्ति का रहा था। इसके अलावा सामान्य पानी के अभाव में वाटरकूलर सूखे गए थे। जिसके कारण प्रैक्टिकल के दौरान भी छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

 

बीयू ने जगह दी, आठ साल बाद भी नहीं मिला नर्मदा जल 

 

नर्मदा की पानी सप्लाई शुरू कराने के लिए आठ साल पहले तत्कालीन महापौर कृष्णा गौर ने बीयू से करीब एक एकड़ जमीन मांगी थी। इसके एवज में उन्होंने बीयू को पानी देने का वादा किया था। बीयू से जुड़ी कालोनी में पानी की सप्लई देने के लिए एक एकड़ जमीन पर पंप लगाकर पाइप लाइन बिछा दी गई हैं। आठ साल बीतने के बीयू को नर्मदा नदी के पानी की एक बूंद तक नहीं मिल सकी है। पानी नहीं मिलने से कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक सभी परेशान हो चुके हैं।

 

स्टूडेंट की चिंता नहीं

विद्यार्थियों ने पानी की परेशानी को देखते हुए कुलपति राव को लिखित में शिकायत की थी। लेकिन, राव ने दोनों इंजीनियर को सभी विभागों का निरीक्षण कर पानी की पूर्ति करने के निर्देश देकर औपचारिक पूरी कर दी थी। जब वीसी के कक्ष की सप्लाई बंद हुई तब कहीं एक महीने की समस्या एक दिन में सुलझा दी गई। दोनों इंजीनियर ने विभागों का निरीक्षण किया, लेकिन वे पानी की पूर्ति नहीं करा सके।

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